ऐसा रहा ओवल ऑफिस में जार्ज बुश का पहला साल

15 जनवरी 2002

ऐसा रहा ओवल ऑफिस में जार्ज बुश का पहला साल सुबह के अभी सात भी नहीं बजे हैं और व्हाइट हाउस के ‘वेस्ट विंग‘ में चहल-पहल पुरजोर है। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का अपने व्हाइट हाउस के रहवासी ओवल ऑफिस में आने का समय हो गया है। ठीक सात बजे तो श्री बुश के हर दिन के पहले बैठक। सीआईए के निदेशक जॉर्ज टेनेट द्वारा अमेरिका की सुरक्षा पर ब्रीफिंग, जिसमें श्री बुश के साथ श्री डिक चैनी और सुरक्षा सलाहकार सुश्री कोंडेलिजा राइस भी उपस्थित होती हैं। और फिर शुरू हो जाता है प्रतिदिन का सिलसिला, जो सुबह पांच बजे से शुरू होकर रात में दस बजे थमता है।

अमेरिका के 43वें राष्ट्रपति के पद पर जॉर्ज बुश के कार्यकाल का ठीक एक साल अभी पूरा हुआ है। इस दौरान देश-विदेश में अपने चुनाव को सही स्थापित करते हुए श्री बुश को विरासत में एक अर्थव्यवस्था मिली, जो वर्षों की रफ्तार के बाद सुस्त हो गई थी। उनके नेपथ्य में उनके पिता और राष्ट्रपति का साया था, जिससे वे अपनी अलग पहचान बनाना चाहते थे। सन्‌ 2001 के अगस्त तक के कार्यकाल में अपना समय चटि्‌टयान और टैक्सास में अपने रेच पर गुजारने के लिए ज्यादा चर्चा में रहे श्री बुश के लिए 11 सितंबर का हादसा मानो एक सीमाचिह्न बनकर आ गया। उन्होंने अपने प्रशासन और देश को एकसूत्र में पिरो लिया और कमांडर-इन-चीफ बुश तो आज अमेरिका में 85 प्रतिशत से अधिक जनता में लोकप्रिय हैं।

क्या है बुश की कार्यशैली, उनके सहयोगी, उनकी दिनचर्या- पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन से उनकी तुलना?

यह शायद मेरी टैक्सॉस की धरोहर है, पर मुझे स्पष्ट बताना, कहना और सुनना पसंद है। श्री बुश ने कहा है। उनके कुछ लफ्जों से तो उनकी पत्नी लारा भी हतप्रभ रह जाती हैं, लेकिन यही उनकी शैली है। ओसामा को ढूंढ निकालेंगे जिंदा या मुर्दा और कर नहीं बढ़ने देंगे, मेरे जीते जी नहीं। श्री बुश की यही स्पष्टवादिता उनकी परिचायक भी है। श्री बुश को पसंद है अपने सहयोग के लिए एकदम उम्दा साथियों का चुनाव, उन सबको अपने विचारों तथा स्ट्रेटजी से ठीक से वाकिफ कराकर फिर कार्य करने के लिए पूरी आजादी, कोई हस्तक्षेप नहीं और अपने साथियों को पूरा समर्थन। यहां तक कि अफगान आक्रमण में भी उन्होंने कहा- ‘मेरा उद्देश्य तो हमारे अंतिम लक्ष्य से सबको अवगत कराना है, लड़ाई को लड़ना तो रम्सफील्ड और जनरल मेयर्स की भूमिका है।

कई पिज्जा पार्टी होती थी। राष्ट्रीय सुरक्षा की रोजाना ब्रीफिंग भी क्लिंटन मीटिंग की बजाय फाइल से लेना पसंद करते थे

श्री बुश के जिक्र के साथ उनके पहले के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का विषय निकलना स्वाभाविक है। दोनों कई मायनों में तो पूरब-पश्चिम हैं और यह जीवनशैली से कार्यशैली तथा विचारधारा तक सही है। डेमोक्रेट श्री क्लिंटन का सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र था अपने व्यक्तित्व से एक प्रकार का जन-सम्मोहन और अपने संपर्क में आने वाले हर आम-खास पर गहरा प्रभाव। इसी के रहते उन्हें राजनीति और जीवन की सतरंगी बिसात में कई बार शह होने के बाद कभी मात का मुंह नहीं देखना पड़ा। लेकिन उनके वेस्ट विंग (व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के प्रशासनिक कार्यालय वाला भाग ओवल ऑफिस भी इसी का अंग है) में दिन देर से शुरू होता था। वे खुद तो कई बार सुबह 10 बजे तक ऑफिस में आते थे। रात में देर तक उन्हें दोस्तों और सहयोगियों से फोन पर लंबी बात करना पसंद था। ओवल ऑफिस में मोनिका कांड हुआ। बिल व हिलेरी के संबंध में लिप्त ‘स्वार्थ‘ और बिल-हिलेरी-गोर की निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की टकराहट। वेस्ट विंग में जींस और टी शर्ट भी चलते थे और उनकी मीटिंग कभी भी समय पर ना तो शुरू होती थी, ना खत्म। व्हाइट हाउस में पार्टी रात-रातभर चलती रहती थी। कई पिज्जा पार्टी होती थी। राष्ट्रीय सुरक्षा की रोजाना ब्रीफिंग भी क्लिंटन मीटिंग की बजाय फाइल से लेना पसंद करते थे। …लेकिन फिर भी क्लिंटन-राज में ग्रीनस्पीन-रुबिन के आर्थिक नेतृत्व के तले अमेरिका की अर्थव्यवस्था कुलांचे भर रही थी और टेक्नॉलॉजी के रथ पर बैठकर अमेरिका ने 1990 के दशक में गजब की प्रगति की। दूसरी तरफ श्री बुश के लिए ओवल ऑफिस अमेरिकी इतिहास की एक गौरवशाली धरोहर है। वेस्ट विंग में कभी भी कोई भी पुरुष सूट-टाई के बिना नहीं होता। मीटिंग सुई की नोक पर समय से शुरू होती है और समाप्त भी। दिन की शुरुआत सुबह बहुत जल्दी होती है और शाम 6.30 से 7 बजे तक वेस्ट विंग में रोशनियां बंद हो जाती हैं। श्री बुश खुद 5 बजे उठ जाते हैं और उनके घर में शाम के भोजन पर आए मेहमान भी 9 बजे तक विदा हो चुके होते हैं। वेस्ट विंग में अब कोई मिडनाइट पार्टियां नहीं होतीं। अपनी सेहत के लिए पूरी तरह सजग श्री बुश रोजाना मध्याह्न में एक घंटे 4 से 6 मील दौड़ते हैं और वर्जिश करते हैं। इससे उनकी नाड़ी की रफ्तार है सिर्फ 65।


कमांडर-इन-चीफ के रूप में श्री बुश बहुत ही सफल हुए हैं, क्योंकि सामरिक और कूटनीतिक मामले में तो उनके कैबिनेट के सामूहिक और व्यक्तिगत अनुभव का कोई सानी नहीं है। मानो बुश की कैबिनेट तो थी ही, ‘वार कैबिनेट‘ और ‘वार‘ भी चिढ़ गया देश की सुरक्षा के लिए आतंकवाद से। चेनी के रूप में उनके पास एक अत्यंत विश्वस्त सलाहकार है, जिसकी खुद की कोई आकांक्षा नहीं है। पिछले साल तक दिखाई दे रहा विशाल राष्ट्रीय बजट सरप्लस एक ही साल में मंदी से विलोम हो गया है। श्री बुश एक टैक्स कट तो कर चुके हैं तथा एक और की मांग कर रहे हैं। युद्धकाल के रहते श्री बुश ने रक्षा खर्च में महती बढ़ोतरी की मांग की है। लेकिन अर्थव्यवस्था की मंदी से लेकर अर्थमंत्री पॉल ओ नील के काम तक अर्थ से जुड़ा सभी कुछ प्रश्नचिह्न बना हुआ है, जिसका श्री बुश के पास कोई हल दिखाई नहीं देता। और ऊपर से आ गया है एनरॉन। पर जैसे श्री क्लिंटन को मोनिका से डो और नैस्डैक के बुल की तेजी ने बचा लिया था, उसी तरह श्री बुश को एनरॉन के दागों से ओसामा और एन्थ्रेंक्स से युद्ध का भय बचा लेंगे। 11 सितंबर के बाद तो बुश को जैसे अपने कार्यकाल का मकसद मिल गया है, जिसके तले उनकी ऊर्जा, क्षमता और प्रशासन एकजुट हो गया है आतंकवाद से सार्वभौमिक लड़ाई के लिए। श्री बुश ने आक्रमण होने के बाद ही ठान लिया था कि वे इस लड़ाई को उसके निष्कर्ष तक ले जाएंगे, चाहे कितना ही समय, संसाधन या प्रयास क्यों न लग जाए। बुश के कार्यकाल के पहले साल का पूर्वार्द्ध तो विशेष उल्लेख के बिना गुजर गया, लेकिन उत्तरार्द्ध में श्री बुश सारी दुनिया से आतंकवाद के सर्वनाश के लिए प्रतिबद्ध राजनयिक के रूप में विश्व में उभरकर सामने आए हैं। उन्होंने अमेरिका की दोनों पार्टियों और पूरे देश को राष्ट्रीय आपदा से लड़ने के लिए एक उद्देश्य के झंडे तले जुटा लिया। अब 2002 और आगे के दिन बताएंगे कि श्री बुश अपने स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण के तीनों युद्ध- आतंकवाद, सुरक्षा और आर्थिक मंदी- से लड़ने में कितनी सफलता प्राप्त करते हैं।

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