अमेरिका में भारतीय शिक्षकों को चुनौती एवं अवसर
अमेरिकी स्कूली शिक्षा को स्तरीय बनाए रखने के लिए कम से कम 5 लाख शिक्षकों की जरूरत है। इस आशय के समाचार प्रकाशित होने के बाद भारतीय शिक्षकों में अमेरिका जाने के लिए लालायित होना स्वाभाविक ही है। यहां बैठे लोगों को भारतीय शिक्षकों के साथ जुड़े हुए बहुत कुछ वही लाभ दिख रहे हैं, जो भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के साथ जुड़े रहे हैं। अर्थात् अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होना, काम के घंटों की परवाह न करना, विश्वसनीयता तथा वेतन के प्रति खास आग्रह न होना आदि।
अमेरिका में क्यों जरूरत है शिक्षकों की?
अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की कमी आने के कारण समझ में आने वाले थे। एक तो बिल गेट्स की विंडो की लांचिंग के बाद अमेरिका विश्व सॉफ्टवेयर का लीडर बनकर उभरा और देखते-देखते ही सॉफ्टवेयर का सबसे बड़ा निर्यातक देश बन बैठा। इस सॉफ्टवेयर निर्यात में निरंतर वृद्धि बनाए रखने के लिए जिस गति से कुशल मानवीय क्षमता की जरूरत आ पड़ी, उसे पूरा करने के लिए अमेरिकी शिक्षण संस्थान असफल रहे।
सौभाग्य से भारतीयों छात्रों में परंपरागत रूप से गणितीय शिक्षा पर ज्यादा आग्रह होने के कारण यहां अच्छे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखने की संभावनाओं वाले इंजीनियर हर गली में घूम रहे थे। अचानक वे अमेरिकी कंपनियों के लिए बहुत उपयोगी विकल्प साबित हुए और यहां भारतीय इंजीनियरों ने अपनी काबिलियत की धाक जमाई। लेकिन शिक्षकों की कमी क्यों महसूस की जा रही है अमेरिका में? अन्य रोजगार विकल्पों की तुलना में काफी कम वेतनमान, अधिकांश छात्रों में शिक्षकों के प्रति गिरता सम्मान तथा स्कूल परिसरों का हिंसक होता वातावरण इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। अभी कुछ ही दिन पूर्व अमेरिकी किशोर न्यायालय ने अपने शिक्षक की हत्या कर देने के आरोप में 14 वर्षीय नैथलीन ब्राजील को 28 वर्ष की सजा सुनाई। ब्राजील ने स्कूल से अपने एक दिन के निष्कासन के बाद दूसरे दिन अपने अंग्रेजी टीचर बैरी ग्रुनोव की गोली मारकर हत्या कर दी। इसी तरह से कोलम्बाइन हाई स्कूल में हुआ हत्याकांड अभी भी लोगों की जुबान पर है।
अमेरिकी स्कूलों में हिंसा …
आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 57 प्रतिशत स्कूलों में वर्ष में एक बार इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है कि इस पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। अमेरिका की अधिकांश कक्षाओं में ऑटोमैटिक वीडियो कैमरे लगाए गए हैं, ताकि हिंसक छात्रों के व्यवहार को समय रहते परखा जाए और उन पर काबू पाया जा सके। यहां के स्कूलों में पिछले दो वर्षों में 4000 बलात्कार, 7 हजार बड़ी चोरियां, करीब 9 लाख अन्य अपराधों की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस तरह के वातावरण में भारतीय शिक्षकों को अमेरिका में नई चुनौती है। इन परिस्थितियों में अमेरिका में भारतीय शिक्षकों को कितनी सफलता मिलेगी तथा बुश प्रशासन शिक्षकों को वीसा देने में कितनी उदारता दिखलाता है, यह अभी देखना बाकी है।