गगनचुम्बी इमारत के रईस किरदार
इस वार से उबरने में, पहले ही से आर्थिक मंदी का सामना कर रहे अमेरिका को काफी समय लगेगा और दरकार होगी उच्चतम स्तर की नेतृत्व क्षमता की।
आवागमन के साधन ठप…और पैदल चल पड़े लाखों लोग
अमेरिका में बसों पर लदे हुए लोगों और ट्रकों पर लटके हुए लोगों की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन 11 सितंबर को न्यूयॉर्क शहर में हर ओर यही नजारा था।
विश्व व्यापार केंद्र के ध्वस्त होने के बाद पूरा शहर सकते में आ गया था। कहीं भी भगदड़ तो नहीं थी, परंतु चिंता और आशंका का माहौल अवश्य था। टी.वी. के सामने लोगों की भीड़ थी… सेलफोन और इंटरनेट ने तो काम करना लगभग बंद ही कर दिया था।
मैनहटन एक द्वीप है, जिस पर आने और बाहर जाने के लिए सुरंग या पुल का सहारा लेना पड़ता है। दिन में मैनहटन में लगभग 80 लाख लोग काम करते हैं, जिसमें से 70 लाख रोज बस, ट्रेन, सब-वे (भूमिगत मार्ग) से आते-जाते हैं। अब जरा अंदाजा लगाइए कि आवागमन की व्यवस्थाओं में से जब 95 प्रतिशत बंद हों और लोग शहर के बाहर जाना चाहें तो क्या हो… मैं और मेरे साथी मैनहटन के मध्य भाग (मिड टाउन) से लाखों लोगों के साथ मीलों पैदल चलकर क्वीन्स ब्रिज पार कर रहवासी इलाके ‘क्वीन्स’ पहुंचे। विश्व व्यापार केंद्र के आसपास का इलाका, जहां दफ्तर काफी जल्दी शुरू हो जाते हैं, वहां के लोग कैसे बाहर निकले, इसका तो अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।