न्यूयॉर्क में रिपब्लिकन पार्टी का महाकुंभ

1 सितम्बर 2004

न्यूयॉर्क में रिपब्लिकन पार्टी का महाकुंभमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव (मंगलवार 2 नवंबर) से ठीक 60 दिन पहले सारे देश के रिपब्लिकन राजनीतिक न्यूयॉर्क में उतर आए हैं। अवसर है, चुनाव पूर्व पार्टी के परंपरागत 4 वर्षीय अधिवेशन का। न्यूयॉर्क सिटी (मैनहट्‍टन), जो डेमोक्रेट्‍स का ‘गढ़’ है, और पांच बार डेमोक्रेटिक अधिवेशन का मेजबान रह चुका है। वहां रिपब्लिकन पार्टी का ‘कनवेंशन’ पहली बार हो रहा है। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव टिकट पर जॉर्ज बुश और डिक चेनी की दोबारा उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा भी इसी अधिवेशन में की जाएगी। इस बार न्यूयॉर्क चुने जाने के कई कारण थे; लेकिन शायद सर्वोपरि था सितंबर 11 के बाद इस शहर और शहरवासियों से जुड़ी संवेदना। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल का गोया मकसद ‘आतंकवाद का सफाया और अमेरिका की स्वतंत्रता की पूर्ण रक्षा’ के लिए भी न्यूयॉर्क से ज्यादा परिचायक शहर कोई और नहीं था। फिर इस बार तो न्यूयॉर्क के राज्यपाल पतकी, महापौर ब्लूमबर्ग और पूर्व महापौर गुलियानी सभी रिपब्लिकन हैं।

अधिवेशन की रूपरेखा :

30 अगस्त से 2 सितंबर तक चलने वाले इस 4 दिवसीय अधिवेशन का मुख्य कार्यक्रम तो हर दिन शाम को ही होता है। मैडिसन स्क्वायर गार्डन हॉल में रिपब्लिकन पार्टी के देशभर से आए पांच हजार से अधिक चुनिंदा ‘डे‍लिगेट्‍स’ के सामने पार्टी के राष्ट्रीय नेता पार्टी और राष्ट्रपति की उपलब्धियों पर अपने विचार रखते हैं। पहली संध्या को रुडी गुलियानी ने सितंबर 11 के बाद के अमेरिका में बुश के योगदान और नेतृत्व का जबरदस्त समर्थन करते हुए उन्हें आतंकवाद से लड़ाई जारी रखने के लिए 4 साल और चुने जाने का आह्वान किया। वहीं दूसरी शाम कैलिफोर्निया के ‘स्टार’ राज्यपाल अर्नोल्ड और बुश की पत्नी लौरा बुश ने जॉर्ज बुश के व्यक्तित्व को भावनात्मक रूप से पेश किया। पार्टी ने माहौल बनाने के लिए ‍जार्जिया के डेमोक्रेटिक सीनेटर का भी भाषण रखा है, जो बुश की नीतियों का समर्थन करते हैं (मानो कांग्रेस के अधिवेशन में सोनियाजी की तारीफ में प्रमोद महाजन का भाषण!!) 1 सितंबर की शाम उपराष्ट्रपति चेनी और उनकी पत्नी का मुख्य भाषण होगा और अधिवेशन के अंतिम दिन 2 सितंबर को ही जॉर्ज बुश का यहां आगमन होगा और वह मुख्य उद्‍बोधन के जरिए पार्टी का नामांकन स्वीकार करेंगे। ऐसा ही सब कुछ 2 माह पहले डेमोक्रेटिक अधिवेशन में बोस्टन में हो चुका है, जब जॉन केरी और जॉन एडवर्ड्स को उनकी पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया।

चुनाव पूर्व किसी भी आतंकवादी गड़बड़ी की आशंका के बीच रिपब्लिकन अधिवेशन की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व है

मैडिसन स्क्वायर गार्डन जैसे फौज की छावनी :

अधिवेशन का मुख्य हॉल मैडिसन स्क्वायर गार्डन मैनहट्टन के मध्य और अत्यंत व्यस्त क्षेत्र में स्थित है। इस हॉल के ठीक नीचे न्यूयॉर्क का मेन रेलवे स्टेशन है; जहां से न्यू जर्सी, लॉग आयलैंड की ट्रेंस आती-जाती हैं और लाखों लोग वहां से दिन में गुजरते हैं। चुनाव पूर्व किसी भी आतंकवादी गड़बड़ी की आशंका के बीच रिपब्लिकन अधिवेशन की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व है। न्यूयॉर्क शहर के पूरे 37,000 पुलिस कर्मी और उसके साथ न्यू जर्सी पुलिस, सेना और खुफिया पुलिस के हजारों लोग अधिवेशन की सुरक्षा में जुटे हैं। अधिवेशन स्थल की ‍ओर जाने वाले हर मार्ग और सब-वे के अंदर पुलिस की गहन चौकसी है। पेन स्टेशन से आने-जाने वाली हर ट्रेन की तलाशी ली जा रही है। इस सभी की आशंका से इस सप्ताह मैनहट्टन में काम करने वालों की संख्या बहुत कम नजर आ रही है, लेकिन फिर भी यह मानना पड़ेगा कि मुझ जैसे हजारों लोग सब-वे के जरिए अपने कार्यालय तक आसानी से आ-जा रहे हैं। सुरक्षा की इस तैयारी में कितने महीने और कितने करोड़ों डॉलर लगेंगे, अंदाज लगाना मुश्किल है। हां, 3 सितंबर तक सब कुछ ठीक ठाक समाप्त हो जाने पर यहां के सभी अधिकारी चैन की लंबी सांस ले सकेंगे।

अधिवेशन के लिए शहर में आए 50,000 लोग :

आयोजकों का ऐसा अनुमान है कि अधिवेशन के माध्यम से करीब 50,000 यात्री मैनहट्‍टन में आए हैं। इनमें से करीब 5000 तो देश के हर राज्य से आए रि‍पब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ता हैं। देश-विदेश के करीब 15000 संवाददाता इस अधिवेशन को कवरेज करने यहां आए हैं। उनके लिए मैडिसन स्क्वायर गार्डन से ठीक ‍पीछे न्यूयॉर्क के मुख्य डाकघर में सूचना केंद्र की व्यवस्था की गई है। शहर में करीब 40,000 होटल के कमरे रिपब्लिकन अधिवेशन में आए मेहमानों के लिए आरक्षित किए गए हैं। चूंकि अधिवेशन की मुख्य गतिविधि तो सिर्फ शाम को ही है; तो चारों दिनों को क्रमश: न्यूयॉर्क में खरीदी, क्रीड़ा, संस्कृति और इतिहास दिवस के रूप में मेहमानों के लिए विशेष आकर्षणों की तैयारी भी की गई है। न्यूयॉर्क में सत्ता पक्ष का अधिवेशन हो और यहां के बड़े व्यापारी मेजबानी में पीछे कैसे रहें; न्यूयॉर्क और अमेरिका की मुख्य कंपनियों ने अधिवेशन को सफल बनाने में मुक्त-हस्त से अपना समर्थन दिया है। सभी ‘डेलिगेट्‍स’ को दिए जाने वाले ‘फ्री गिफ्ट बैग’ में और वस्तुएं के अलावा एक ‍डिजिटल कैमरा भी है, जिससे वे अधिवेशन की अपनी यादें सदा के लिए कैमरे में कैद कर सकें।

अधिवेशन के न्यूयॉर्क में होने के औचित्य के बारे में कहा यही गया था कि इतने लोगों के आने से शहर की अर्थव्यवस्था को खासा फायदा होगा। और शायद कुछ मायनों में सही भी है। लेकिन होने वाले संभावित अड़चनों को देखते हुए जो शहर के लोग ही कुछ दिनों के लिए ‘पलायन’ कर गए, उसकी हानि का कोई अंदाज नहीं है। यहां तक कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में दैनिक शेयर ट्रेडिंग का अनुपात भी सामान्य से कम है।

विरोध में भारी प्रदर्शन :

जहां अधिवेशन के लिए हो रही सुरक्षा व्यवस्था भी एतिहासिक है, वहीं बुश के नेतृत्व के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों ने भी आयोजकों की नींद उड़ा रखी है। अधिवेशन के पहले रविवार को विरोध में हुए प्रदर्शनों में विभिन्न अनुमानों के अनुसार 150,000 से 250,000 लोग शरीक थे, जो कि न्यूयॉर्क के लिए अपने आप में एक कीर्तिमान है। कंजर्वेटिव माने जाने वाली रिपब्लिकन पार्टी और जॉर्ज बुश की नीतियों में प्रमुख है : आतंकवाद से अथक और सारे विश्व में लड़ाई, अमेरिका की आत्मरक्षा सर्वोपरि और उसी के रहते इराक पर हुई कार्रवाई भी आतंकवाद से लड़ाई का ही एक अंश, भ्रूण हत्या और समलैंगिक विवाह के विरोध में कानूनी प्रावधान, ऊर्जा के नए साधनों के निरंतर खोज। इन्हीं में से कई नीतियों के खिलाफ जनता विरोधी रैली में शरीक हुई थी।

बुश- केरी में आगे कौन?

अभी तक समाचार-पत्रों और पोल परिणामों के अनुसार बुश और केरी के बीच लगभग बराबरी की टक्कर है और यह कहना बहुत मुश्किल है कि अंत में जीत किसकी होगी। अमेरिका के राज्यों में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक समर्थकों की सूची काफी स्पष्ट है; चुनाव का फैसला उन्हीं कुछ चुनिंदा राज्यों के झुकाव ‍(स्विंग) से तय होगा, जिनकी पार्टी निष्ठा के बारे में कुछ तय नहीं है। बुश और केरी भी अपना अधिकांश जोर इन्हीं राज्यों में ज्यादा लगा रहे हैं। वैसे तीसरे उम्मीदवार राल्फ नाडेर को मिलने वाले कुछ वोट भी हार और जीत के फैसले में निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं। अधिवेशन की सरगर्मी के बाद सभी की नजरें होती हैं बुश-केरी और चेनी एडवर्ड्स की डाइरेक्ट टीवी डिबेट्‍स में; जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वियों से पूरे देश के सामने टीवी पर आमने-सामने सवाल-जवाब करते हैं। इनकी तारीखों की घोषणा भी होने ही वाली है। तब तक छाए हुए हैं सारी टीवी चैनल्स और अखबारों में रिपब्लिकन पार्टी का अधिवेशन, उसके महारथी और उनकी पुकार, ‘4 मोर ईयर्स’!!!

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