कैथरीन ग्राहम : रसोई से ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ तक
अमेरिकी इतिहास में ‘वॉटरगेट स्कैंडल‘ के दौरान प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली तथा ‘वॉशिंगटन पोस्ट‘ की प्रकाशक रहीं कैथरीन ग्राहम का हाल में 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
एक सीधी-सादी घरेलू अमेरिकन महिला की जिंदगी जी रही ग्राहम को अचानक ‘वॉशिंगटन पोस्ट‘ जैसे समाचार पत्र को प्रकाशित करने की जिम्मेदारी संभालना पड़ी, जब उनके पति फिलिप ने आत्महत्या कर ली।
अपने पति की आत्महत्या के बाद कैथरीन ने फैसला किया कि वे ‘वॉशिंगटन पोस्ट‘ को संभालेंगी। हालांकि उस समय तक ग्राहम एक आम गृहिणी की भूमिका निभा रही थीं तथा उन्हें अखबार चलाने का न तो विश्वास था और न ही अनुभव, लेकिन उनके दृढ़ निश्चय ने न केवल अखबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि वे ‘फारच्यून 500 बिजनेस’ नामक प्रतिष्ठित संगठन की प्रमुख बनने वाली पहली अमेरिकी महिला भी बनीं।
कैथरीन ग्राहम ने न केवल अखबार का प्रबंधन अच्छी तरह संभाला, बल्कि उन्होंने अपने आप को एक सुलझा हुआ पत्रकार भी साबित किया। ग्राहम में छिपे पत्रकार को सम्मान देते हुए उनकी आत्मकथा ‘पर्सनल हिस्ट्री‘ के लिए उन्हें पुलित्जर सम्मान भी दिया गया। उन्हें याद करते हुए संपादक ब्रेन ब्रेडले कहते हैं कि ‘उन्होंने बहुत जल्दी तथा अच्छी तरह सब कुछ सीखा। सीखने का वही तरीका था जिसको हम सभी अपनाते हैं, अर्थात अपनी गलतियों से सीखना। एक पत्रकार के रूप में ग्राहम को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ा, लेकिन ऐसे समय में उन्होंने वे निर्णय लिए जो एक पत्रकार ले सकता है, लेकिन संभवतः मालिक नहीं।
1971 की बात है। ग्राहम पर अमेरिकी सरकार का दबाव बढ़ता जा रहा था कि वे वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सरकार के कुछ निर्णयों और गुप्त कागजातों को अपने अखबार में स्थान न दें, लेकिन ग्राहम ने सभी तथ्यों को अखबार में छापने का निर्णय लिया।
इसी तरह वॉटरगेट घोटाले में ग्राहम ने अपने अखबार में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के खिलाफ लगे आरोपों को प्रमुखता से स्थान दिया। उन्होंने सरकार से मिलने वाली धमकियों का हर कीमत पर सामना करते हुए इस मुद्दे पर मीडिया की शक्ति को सरकार की ताकत से ऊपर सिद्ध कर दिया। ग्राहम के कार्यकाल में ‘वॉशिंगटन पोस्ट‘ ने अच्छी-खासी तरक्की की तथा इसे फारच्यून 500 कंपनियों में जगह मिली। इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद ग्राहम उपलब्धि के गुमान से कोसों दूर एक ऐसी शख्सियत रहीं, जिनके चेहरे का मुस्कुराहट से तनाव के क्षणों में भी रिश्ता बना रहा।