‘सरकार’, जन्मदिन मुबारक हो !!!

11 अक्टूबर 2005

इस साल तो एक ऐसा भी मौका था, जब हाल में अमिताभ की 4 फिल्में एक साथ चल रही थी और हर एक को परिवार के साथ 50 डॉलर खर्च करके हॉल में देखने में आनंद आता था। क्योंकि अमिताभ अब एक ‘सुपरस्टार’ से बढ़कर ‘सुपरकलाकार’ बन गए हैं। अपनी कला में कभी भी ना संतुष्ट होने वाले इस कलाकार की सीखने की चाह और अपने पेशे के प्रति लगन एक मिसाल है। इस उमर में भी अपने काम के प्रति अमिताभ कितने सजग और पेशेवर और समर्पित हैं कि कल जन्मदिन होने के बावजूद वह दिन में केबीसी-2 की शूटिंग करके रात में न्यूयॉर्क में दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए निकल पड़ेंगे।

लेकिन इतना सब क्यों, क्या अमिताभ थकते नहीं? ‘मैं एक कलाकार हूं, जब तक मेरे हाथ पांव चलते हैं, और कोई निर्माता-निर्देशक मुझे अपनी फिल्म में रोल देने के लिए तैयार है, और जिसे लोग देखने के लिए तैयार हैं, तब तक मैं काम करता रहूंगा। ‘कोई उम्र बड़ी नहीं होती, कोई काम छोटा नहीं होता, सिर्फ पूरी तनमयता और लगन से उसका निर्वाह करना जरूरी है। मानो रोज सुबह पढ़ाई हुई गीता का कर्म योग का पाठ अमिताभ ने पूरी तरह सार्थक कर दिया है। अपनी पहचान और प्रतिबद्धता के बारे में अमिताभ अभी भी बहुत सजग हैं। इसलिए गुटखा, मदिरा आदि मादक पदार्थों के विज्ञापनों में काम करने से उन्होंने साफ मना कर रखा है।

अमर सिंह, मुलायम सिंह, अनिल अंबानी और सहारा परिवार से अमिताभ के ‘घनिष्ठ संबंध’ काफी चर्चा में बने रहते हैं। अपने बेटे ‘अभिषेक को एक ‘स्टार’ के रूप में स्थापित करने में भी उनके ‘विशेष प्रयासों’ पर उंगलियां उठी हैं। यह बातें ‍गोया सच भी हों, लेकिन अंधेरे हॉल में सुनहरे पर्दे को देखते दर्शक के लिए मायने रखता है एक कलाकार जो उसे हंसाकर रूलाकर या फिर झकझोरकर ऐसा मनोरंजन दे कि तीन घंटे बाद वह दर्शक स्वत: कह सके ‘वाह, मजा आ गया!!’ अपने 64वें बसंत में प्रवेश करते हुए अमिताभ आज भी इस कसौटी पर खरे उतर रहे हैं। वह सही मायनों में आज ‘बिग बी’ हैं।

उनके पहले दौर के समकक्ष राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र, जीतेन्द्र, शत्रुघ्न तो सार्वजनिक जीवन में लग गए हैं, वहीं विनोद खन्ना और ऋषि कपूर जैसे एक्टर सिर्फ चरित्र अभिनय कर रहे हैं, जिनमें शायद ही कुछ नया हो। वहीं अमिताभ तो ऐसे दौड़ रहे हैं, मानो 33 के तो वे हैं, अक्षय और ऋतिक और जॉन अब्राहम नहीं। अमिताभ की यह पारी तो ऐसे रंग लाई है कि हेमा, रति, शर्मिला और जया प्रदा जैसी गुजरे कल के अभिनेत्रियों को अमिताभ के साथ अच्छे रोल करने के मौके मिल रहे हैं। और केबीसी-2 की लोकप्रियता की धूम से कौन अछूता है। उन्हें टीवी पर देखकर हर एक दिल में बस यही चाह होती है ‘काश, मैं अमिताभ के सामने जाकर हॉट सीट पर बैठ सकूं।

अब अमिताभ भी हर होनहार फिल्मकार की पहुंच में हैं (और शायद धन के मान से भी)। जिनकी फिल्म की पहली किताब शायद अमिताभ की ही कई फिल्म रही हो; वैसे रामगोपाल वर्मा, संजय भंसाली, महेश मांजरेकर, करण जौहर, आदित्य चोपड़ा और रोमेश शर्मा जैसे कई युवा निर्देशकों का अमिताभ के साथ फिल्में बनाने का सपना साकार हो रहा है। इसीलिए आज अमिताभ की लगभग 15 फिल्में शूटिंग की कतार में हैं। हमें शोले के गब्बर सिंह सहित उनके कई और रूप देखने का सौभाग्य मिलता रहे, विश्व के फिल्म मंच पर सिनेमा और अभिनय को उनके योगदान की पहचान दर्ज हो, और हमारी संस्कृति और धरोहर का यह ‘बागबान’ खुद सदा लहलाते रहे….

अमितजी, आपके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं!!!

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