किंग’ हो कोई, ‘शहँशाह’ वही

15 अगस्त 2008

किंग' हो कोई, 'शहँशाह' वहीबॉलीवुड के कलाकारों के ‘स्टेज कार्यक्रम‘ अमेरिका में सदा ही चर्चित रहे हैं। सुनहरे पर्दे के बाहर स्टेज पर अपने चहेते ‘स्टार्स‘ को नाचते-गाते देखने के लिए लोग हमेशा लालायित रहते हैं। और इन कलाकारों, आयोजकों को अच्छी कमाई भी हो जाती है। ऐसे में बॉलीवुड के प्रथम परिवार- अमिताभ, अभिषेक, ऐश्वर्या बच्चन और अन्य कलाकारों के स्टेज प्रोग्राम ‘अनफॉरगेटेबल टूर’ के अभी तक सभी सोपान अविस्मरणीय रहे हैं। 15 अगस्त को न्यूयॉर्क में हुए कार्यक्रम को तो खुद अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर ‘सबसे सफल और ऐतिहासिक‘ माना।

अनफॉरगेटेबल टूर

बच्चन परिवार, रितेश देशमुख, प्रीति जिंटा और विशाल शेखर जैसे कलाकरों को पेश करते हुए ‘विजक्रॉफ्ट‘ ने ‘अनफॉरगेटेबल टूर‘ (अविस्मरणीय यात्रा) का पूरा कार्यक्रम बनाया। अमेरिका, कनाडा, त्रिनिदाद और फिर इंग्लैंड, जर्मनी, हॉलैंड को मिलाकर इस यात्रा में 11 स्टेज प्रोग्राम होने वाले हैं। यात्रा का सफर 18 जुलाई को टोरंटो से शुरू हुआ। अमेरिका का आखिरी कार्यक्रम 15 अगस्त की रात न्यूयॉर्क में हुआ और इस यात्रा का अंतिम पड़ाव 30 अगस्त को यूरोप में होगा। पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा, स्टेज के सारे कलाकार और कोरियोग्राफी को अंजाम शामक डावर ने दिया। स्थानीय आकर्षण बढ़ाने के लिए टोरंटो में अक्षय कुमार, अमेरिका में माधुरी दीक्षित और लंदन में शिल्पा शेट्टी भी कार्यक्रम में शामिल हैं। सिर्फ अमेरिका में ही कोई 75-80 हजार लोगों ने इस कार्यक्रम को अलग-अलग शहरों में देखा है।

50 डॉलर से 500 डॉलर तक की टिकट कीमत के बावजूद हर टिकट दोगुने दाम पर खरीदने को कई लोग इंटरनेट पर तैयार थे

9 अगस्त को अटलांटिक सिटी में और 15 अगस्त को लांग आईलैंड में कार्यक्रम हुए। इन दो शहरों में सिर्फ 150 मील का फासला है, लेकिन न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी में इतना बड़ा प्रवासी समुदाय है कि दोनों शो को मिलाकर लगभग 25000 लोग थे। हाल में एक भी सीट खाली नहीं थी। 50 डॉलर से 500 डॉलर तक की टिकट कीमत के बावजूद हर टिकट दोगुने दाम पर खरीदने को कई लोग इंटरनेट पर तैयार थे।

15 अगस्त को नसाऊ स्टेडियम, लांग आईलैंड, न्यूयॉर्क

न्यूयॉर्क में इन दिनों गर्मी का मौसम है। लेकिन गर्मी में जब यहाँ बारिश हो जाती है तो कम समय में भी झड़ी लग जाती है। 15 अगस्त की शाम को ऐसी ही झड़ी लग गई और कार पार्किंग से हाल में जाना भी मुश्किल हो रहा था। इस मूसलधार बारिश के बावजूद लोगों का जोश भरपूर था। रात 9 बजे कार्यक्रम शुरू होने के समय 11000 लोगों की क्षमता वाला स्टेडियम खचाखच भरा था। दृश्य-श्रव्य के बड़े उपकरण, विशाल टीवी स्क्रीन और अद्भुत स्टेज इफेक्ट, यह सभी कार्यक्रम में आकर्षण बने रहे।

न्यूयॉर्क के कार्यक्रम की शुरुआत हुई रितेश देशमुख से और फिर आईं प्रीति जिंटा। प्रीति की प्रसिद्ध फिल्में न्यूयॉर्क में ही फिल्माई गई हैं। फिर आए अभिषेक, जिन्होंने स्टेडियम के पीछे से दर्शकों के बीच में जोरदार ‘इंट्री‘ की। एक विशेष ट्रॉली में खड़े होकर अभिषेक दर्शकों के ऊपर से काफी करीब गए। अपनी चर्चित और आने वाली फिल्मों के गानों पर नाच-गाकर कलाकारों ने दर्शकों के बीच समा-सा बाँध दिया। अभिषेक ने स्टेज पर बुलाया ऐश्वर्या को और बॉलीवुड की इस चर्चित जोड़ी का स्टेज पर भरपूर अभिवादन हुआ। रितेश, अभिषेक, ऐश्वर्या और प्रीति के अकेले और एक-दूसरे के साथ नाच-गाने के सिलसिले ने पूरे हॉल में धूम मचा दी। इनके बाद विशाल-शेखर की जोशीली जोड़ी ने दर्शकों को अपने साथ मिलकर गाने और थिरकने का आह्वान किया।

और फिर…

जिस घड़ी का सबको बड़ी बेसब्री से इंतजार था, भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े महानायक को देखने, सुनने, अपने बीच में महसूस करने का। मंच पर आते ही अपनी पहली पारी की फिल्मों के गानों पर थिरकते हुए अमिताभ बच्चन ने महसूस ही नहीं होने दिया कि वह 65 वर्षीय नानाजी हैं, जिनकी नातिन हॉल में ही बैठी थी।

4 घंटों से अधिक चले अनवरत कार्यक्रम का अविस्मरणीय पल था- पर्दे के अमिताभ को मंच के अमिताभ की आवाज में सुनना। आजादी की लड़ाई के लिए लिखी बच्चनजी की ‘अग्निपथ‘ को 15 अगस्त को समर्पित करते हुए अमिताभ ने अपनी चिर-परिचित आवाज में दोहराया। उसके बाद अपनी दिवंगत माँ को याद करते हुए अमिताभ ने फिल्म ‘दीवार’ के मंदिर वाले प्रसिद्ध दृश्य की पंक्तियाँ दोहराईं।

जिन दर्शकों को खड़ा करने के लिए बाकी सभी कलाकारों को पूरे जोर से नाच-गाना करना पड़ रहा था, उसी दर्शक समुदाय ने स्वतः खड़े होकर इन संवादों पर अमिताभ का करतल ध्वनि से अभिवादन किया। नम आँखों में अमिताभ नतमस्तक अभिवादन मुद्रा में खड़े हुए, मंच पर अकेले। पूरा स्टेडियम खड़ा होकर तालियाँ बजा रहा था। वह स्नेह, वह सम्मान, सिर्फ इस शाम और संवादों के लिए नहीं था, वह था उस शानदार ‘अविस्मरणीय यात्रा’ के लिए जिसका चंद शब्दों में बयान असंभव है। अविस्मरणीय था वह पल, नतमस्तक महानायक और भाव-विभोर प्रशंसक।

धक-धक, डोला रे डोला और कजरारे…

इसके बाद अमेरिका में ही बसी माधुरी दीक्षित ने अपने पुराने गीतों के साथ दर्शकों की दिलों की धक-धक बढ़ा दी। माधुरी की भावमुद्रा और मुस्कान में अभी भी वही बात है। हालाँकि उम्र का प्रभाव उनके नृत्य में झलकता है। भारत के विभिन्न प्रांत- पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात की पृष्ठभूमि पर आधारित अपने प्रसिद्ध गाने अमिताभ, रितेश, ऐश्वर्या ने पेश किए।

बंगाली को याद करते हुए डोला रे डोला… के जरिये अपनी नृत्य जुगलबंदी से माधुरी-ऐश्वर्या ने बॉलीवुड की अविस्मरणीय सुंदरता को स्टेज पर उतार दिया। आखिरी पेशकश के रूप में सारे कलाकार एक साथ स्टेज पर आए, उसके ठीक पहले अमिताभ, ऐश्वर्या और अभिषेक ने कजरारे-कजरारे… से पूरे हॉल में धूम मचा दी। कार्यक्रम के मध्य में जया बच्चन ने स्टेज पर आकर ‘ग्लोबल वार्मिंग‘ के दुष्प्रभाव और एक अरब सौर लालटेन लगाने के ‘बच्चन अभियान‘ का संदेश दिया।

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