बजट बाद बीएसई इंडेक्स 3000 पार कर जाएगा?
प्राइमरी मार्केट- कहने को तो नए निर्गम और सूचीबद्ध शेयरों का व्यवसाय पूर्णतः अलग धाराएं हैं, किंतु शेयर बाजार में व्याप्त तेजी-मंदी से प्राइमरी मार्केट विलग नहीं रह सकता है। वर्ष 1989-90 में नए निर्गमों के द्वारा लगभग 4200 करोड़ रुपए एकत्रित किए गए थे, जो कि 1990-91 में घटकर आधे से भी कम रह गए। 1991-92 में यह राशि बढ़कर पुनः 4500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की संभावना है।
सूचीबद्ध शेयरों में तेजी का कितना असर नए निर्गमों पर पड़ता है, इसका सीधा उदाहरण यह है कि वर्ष 1992 में अभी तक (जबकि सेन्सेक्स में वर्ष 1992 की शुरुआत से अभी तक सिर्फ डेढ़ महीने में 500 पाइंट से अधिक की तेजी आई है) घोषित सार्वजनिक और राइट निर्गमों की कुल पूंजी वर्ष 1991 में अप्रैल से दिसंबर तक के 9 महीनों में घोषित निर्गमों की राशि से अधिक है। सिर्फ जनवरी-फरवरी 92 में सार्वजनिक इश्यू 974.34 करोड़ और राइट इश्यू 833.99 करोड़ रुपए, ऐसे कुल मिलाकर 1808.33 करोड़ रुपए के निर्गम बाजार में आए हैं। इसके मुकाबले अप्रैल-दिसंबर 91 में 673.44 करोड़ के सार्वजनिक और 1061.77 करोड़ के राइट कुल 1735.21 करोड़ रुपए के इश्यू बाजार में आए थे। यहां यह ध्यान रहे कि वर्तमान में हो रहे ‘ओवर सब्स्क्रिप्शन’ के चलन को देखते हुए इन निर्गमों से कुल संचित पूंजी की राशि 1808.33 करोड़ और 1735.21 करोड़ रुपए के जोड़ 3543.54 करोड़ से 15 प्रतिशत अधिक है और इसमें मार्च 92 के निर्गमों की राशि शामिल नहीं की गई है।
विगत वर्ष में प्राइमरी मार्केट की प्रबलता के दो प्रमुख कारण थे। पहला तो यही की चूंकि सेकंडरी मार्केट बहुत तेज था, इसलिए प्राइमरी का तेज होना भी स्वाभाविक था। किंतु दूसरा कारण यह कि वित्तीय कठिनाइयों के कारण बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने ऋण बांटने पर सख्ती से पाबंदी लगा दी थी। इसके साथ-साथ बैंकों ने कर्जों पर लगने वाले ब्याज की दर भी बहुत बढ़ा दी थी। इसके फलस्वरूप सभी उद्योगों को जनता से पैसा एकत्रित करना ज्यादा सुगम माध्यम लगा, बजाय वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने के। उस पर अगर लोग टाटा टिमकेन जैसे निर्गम को 4071 गुना ओवर सब्स्क्राइब करवा सकते थे तो फिर उद्योगपतियों को और क्या चाहिए। सामान्य तौर पर मार्च के महीने में बजट के ‘खौफ’ से बहुत ही कम निर्गम बाजार में आते हैं। गत वर्ष मार्च में सिर्फ सात इश्यू थे जिनमें से भी पांच 21 मार्च के बाद खुले थे। किंतु इस बार बजट के शेयर व्यवसाय के प्रति अनुकूल होने की धारणा का इसी तथ्य से अंदाज लगाया जा सकता है कि मार्च 92 में बजट के तुरंत बाद 20 से अधिक इश्यू निर्धारित हैं, जिनमें से सात तो 10 मार्च के पहले ही खुलने वाले हैं जो तेजी के कारण सिद्ध हो सकते हैं।