अमेरिकी मीडिया ने बुश के भाषण को सराहा
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के अमेरिकी कांग्रेस में दिए गए भाषण को अमेरिका के मीडिया जगत में भी सराहना मिली है। देश के प्रमुख अखबारों ने इस भाषण को राष्ट्रपति की भविष्य की नीतियों से भी जोड़ा है।
अखबारों के अनुसार राष्ट्रपति का भाषण तीन प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित रहा। ये हैं आतंकवाद के खिलाफ विश्वव्यापी संघर्ष, अमेरिका की पूर्ण सुरक्षा तथा आर्थिक मंदी से मुकाबला। बुश ने 11 सितंबर के बाद विश्व में आए बदलाव का प्रमुखता से जिक्र किया और कहा कि अमेरिका पर हमले के बाद पूरी दुनिया का सोच बदला है।
‘वाशिंगटन पोस्ट‘ ने अपने संपादकीय में राष्ट्रपति के भाषण को युद्धकाल का भाषण निरूपित करते हुए लिखा है कि उनके बयानों से स्पष्ट होता है कि वे आतंकवाद के प्रति विश्वव्यापी संघर्ष छेड़ने के लिए कृत संकल्पित हैं, खासकर इराक, ईरान और उत्तरी कोरिया के खिलाफ जो आतंकवाद की धुरी बने हुए हैं। बुश ने कहा कि हम प्रायोजित आतंकवाद और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त के जाल को भी नष्ट करना चाहते हैं।
‘द यूएसए टुडे‘ के अनुसार राष्ट्रपति इस संबोधन के दौरान संभवतः अपने राष्ट्रपतिकाल के सबसे आत्मविश्वासी दौर में रहे जबकि उपराष्ट्रपति चैनी उनके ठीक पीछे बैठे थे। आतंकवादी हमले के बाद बुश ने जिस कुशल नेतृत्व का परिचय दिया, यह भाषण उसी का एक नजारा भी रहा। आतंकवाद के अलावा घरेलू मोर्चे और आर्थिक मंदी के बारे में भी उन्होंने कई वादे किए, पर विश्वास नहीं होता कि वे यह सब कर पाएंगे।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स‘ ने भी अपने संपादकीय में बुश के संबोधन की सराहना करते हुए रक्षा खर्च पर टिप्पणी की है। अखबार ने लिखा है कि राष्ट्रपति ने दो दशकों के बाद रक्षा खर्च में बड़ी वृद्धि की है जो भविष्य में अच्छे नतीजों के साथ सामने आएगी। इस क्षेत्र में खर्च बढ़ाने पर राष्ट्रपति को बुद्धिमत्ता से काम लेना होगा, पर आर्थिक क्षेत्र के मामले में बुश ने निराश ही किया। इस भाषण की उल्लेखनीय बातों में पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुशर्रफ की तारीफ करना और ‘एनरॉन‘ का कोई उल्लेख न करना है।