एलियन गोन्साल्विस की अनोखी कहानी….

26 अप्रैल 2000

एलियन गोन्साल्विस की अनोखी कहानी....र साल अमेरिका में कोई सामान्य व्यक्ति और उससे जु़ड़े सवाल मीडिया और जनता पर छा जाते हैं। उस मुद्‌दे के चलते मानो वो आदमी और उससे जुड़े सवाल देश की सबसे बड़ी जटिल समस्या बन जाते हैं। और फिर, कुछ हफ्तों-महीनों के बाद गुम हो जाता है वो आम और वो सवाल। सन्‌ 2000 के साल में 6 वर्षीय बालक एलियन गोन्साल्विस सुर्खियों में छाया हुआ था, उसी की कहानी…

2000 के वर्ष में पूरे अमेरिका में अखबारों में सिर्फ तीन विषय छाए हुए हैं… पहला तो है नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव, दूसरी है स्टॉक मार्केट में लगातार होने वाली उथल-पुथल और तीसरा है एक छह वर्षीय क्यूबन बालक एलियन गोन्साल्विस। पहले दो का महत्व और कवरेज तो समझना स्वाभाविक है, पर एक बालक पर पूरे देश और मीडिया की एकटक निगाहें, वो भी कई महीनों तक? छह वर्षीय एलियन गोन्साल्विस क्यूबा के जुआन गोन्साल्विस और एलिजाबेथ की संतान है। उसके माता-पिता हालांकि अलग हो चुके थे, पर फिर भी वो दोनों की परवरिश में पल-बढ़ रहा था।

एलियन गोन्साल्विस की गाथा :

पिछले साल नवंबर में एलियन और उसकी मां सहित कुछ यात्री क्यूबा से एक नाव में सवार हुए थे। नाव पलट गई, जिससे एलियन की मां डूब गई और एलियन एक ट्‌यूब में पानी के बहाव से फ्लोरिडा की तरफ पहुंच गया, जहां कुछ मछुआरों ने उसे बचा लिया और 25 नवंबर 1999 को एलियन अमेरिका की धरती पर आ गया, जहां एक दिन अस्पताल में रहने के बाद उसे उसके पिता के चाचा यानी एलियन के दादा- मियामी निवासी लाजारो गोन्साल्विस के सुपुर्द कर दिया गया। बात अगर यहीं खत्म हो जाती तो शायद कहानी न बनती, लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत थी। बालक के संरक्षण को लेकर लड़ाई और दो देशों के राजनयिक संबंधों के भंवर के बीच फंस कर रह गया है एलियन गोन्साल्विस।

बालक के संरक्षण को लेकर लड़ाई और दो देशों के राजनयिक संबंधों के भंवर के बीच फंस कर रह गया है एलियन गोन्साल्विस

एलियन के पिता ने अमेरिका सरकार से आग्रह किया कि उनके बच्चे को वापस उन्हें क्यूबा में सौंप दिया जाए, वहीं उनके चाचा ने अमेरिका में एलियन को राजनीतिक शरण (एसाइलम) की दरख्वास्त कर दी। मामला तूल पकड़ता गया। एक ओर थे एलियन के कई दूर के रिश्तेदार जो उसे अमेरिका में ही रखना चाहते थे ताकि क्यूबा के त्रस्त माहौल से उसे छुटकारा मिल सके और मियामी में अच्छी परवरिश हो सके । मीडिया भी एलियन की जिंदगी और पिता-रिश्तेदारों के कशमकश पर नजरें टिकाए हुए था। फिर अटॉर्नी जनरल जॉनेट रेनो ने मामले में गहरी रुचि दिखाकर ये निर्णय लिया की एलियन को उसके पिता को ही लौटाया जाना चाहिए। इसके विरोध में रिश्तेदारों ने ‘स्टे‘ हासिल कर लिया। अमेरिका ने एलियन के पिता को 6 अप्रैल को वॉशिंगटन बुलाया और उनसे जॉनेट रेनो ने अकेले लंबी बातचीत की और उनसे पूछा कि क्या वे भी अमेरिका में राजनीतिक शरणार्थी बनना चाहते हैं?

पर जुआन अपने हाल पर क्यूबा में खुश थे। उन्हें सिर्फ अपना बेटा चाहिए था, अमेरिका के सुख नहीं। पर फिर भी रिश्तेदार एलियन को छोड़ने से मना कर रहे थे। मियामी के ‘लिटिल हवाना‘ क्षेत्र में नागरिक सरकार द्वारा एलियन को उसके पिता को सौंपने के विरोध में नागरिक उपद्रव होने लगे, सरकार और जॉनेट रेनो बारंबार मियामी से रिश्तेदारों से आग्रह कर रहे थे कि वे एलियन को उसके पिता के पास जाने दें, जो उसे लेने वॉशिंगटन में आए हुए थे। इसी बीच रिश्तेदारों ने एलियन की एक वीडियो टेप जारी कर दी, जिसमें उस मासूम बच्चे को बोलता दिखाया गया कि मुझे तो अमेरिका अच्छा लग रहा है और मुझे पिता के पास वापस नहीं जाना। मामला और पेचीदा हो गया।

कुछ यूं आज़ाद हुआ एलियन :

शनिवार 22 अप्रैल को तड़के 5.30 बजे अटॉर्नी जनरल के आदेश पर हथियारबंद सुरक्षाकर्मी एलियन के रिश्तेदारों के मियामी स्थित घर में घुसे और एलियन को जबरदस्ती वहां से ‘मुक्त’ कराके प्लेन से वॉशिंगटन ले गए, जहां पर पिता-पुत्र का मिलन हो गया। पर वहीं मियामी में रिश्तेदारों के घर में हथियारबंद पुलिस का जाना और एलियन को जबरदस्ती ले जाना, इससे मामला और भड़क गया। मियामी में आगजनी और पत्थरबाजी को रोकने के लिए पुलिस को बलप्रयोग करना पड़ा और पूरे मीडिया की आंखें इसी मुद्दे पर गड़ी हैं और सरकार द्वारा इस तरह बलपूर्वक बालक को ले जाने की काफी भर्त्सना हुई, वहीं सरकार और जॉनेट रेनो के कदम और ‘धैर्य‘ की राष्ट्रपति क्लिंटन तक ने सराहना की। एलियन और उसके पिता जुआन कुछ दिन अभी वॉशिंगटन के पास एंड्रयूज एयरफोर्स बेस पर रहेंगे, जब तक सारी ‘राइट पिटीशन‘ खारिज नहीं हो जातीं… लेकिन एलियन पिछले कई महीनों से जितना छाया हुआ है, लगता नहीं है कि उसका नाम जल्द स्याही से गायब हो पाएगा..क्या रिश्तेदारों की अमेरिका में अच्छी परवरिश की मांग सही है और बिना मां के उस बालक के लिए बाप का साया, और एलियन वाकई क्या सोचता है, या कुछ भी नहीं सोचता है?

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