कैटरीना तूफान से अमेरिका में 10 लाख लोग बेघर

31 अगस्त 2005

कैटरीना तूफान से अमेरिका में 10 लाख लोग बेघरकैटरीना तूफान से अमेरिका के लूसियाना, मिसिसीपी और अल्बामा राज्य मानो जलप्रलय की-सी स्थिति में हैं। लगभग 10 लाख लोग बेघर बिजली, पानी और संचार साधनों की विपदा से जूझ रहे हैं। मरने वालों की संख्या अभी 100 के ऊपर है और इसके अधिक होने की आशंका है। अपने जीवन और अस्तित्व की लड़ाई में कई स्थानों पर दुकानों को लूटे जाने के समाचार मिले हैं। तूफान से हुई जान और माल की हानि कई बिलियन डॉलर आंकी जा रही है। लुसियाना के प्रसिद्ध पर्यटन शहर न्यू ओरलियंस में पानी का स्तर अभी भी बढ़ रहा है। अधिकांश न्यू ओरलियंस शहर समुद्र सतह से नीचे है। इसके चारों ओर पानी को छोटे बांध शहर से दूर रखते हैं। हरिकेन कैटरीना के प्रकोप से यहां कई बांध डूब चुके हैं और कई स्थानों पर पानी 20 फुट तक चढ़ चुका है। प्रशासन और सेना के इंजीनियरिंग दल बांधों के छेदों को पाटने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन अभी तक विशेष प्रगति नहीं हुई है। आसमान से हेलिकॉप्टर के जरिए रेत के बड़े बोरों को इन छेदों को पाटने के लिए गिराया जा रहा है। मैं 2 साल पहले न्यू ओरलियंस गया हूं और वहाँ के ‘फ्रेंच क्यूरिट्‌स‘ नाम के इलाके की चकाचौंध और जाझ संगीत की मदहोशी अभी भी मन में ताजा है। अपने अलमस्त दिन व रंगीन रातों और ‘मर्दी ग्रेस‘ उत्सव के लिए मशहूर न्यू ओरलियंस इस वक्त किसी भुतहा शहर से कम नहीं है। कई बार सुपर बॉल के मेजबान रहे 70 हजार दर्शकों की क्षमता वाले न्यू ओरलियंस सुपरदाम स्टेडियम में कोई 30 हजार लोगों ने शरण ली है, लेकिन इस स्टेडियम में इस वक्त न तो चलायमान शौचालय है, न वातानुकूलन। बिजली-पानी की स्थिति भी काफी नाजुक है। परसों तेज बारिश व 150 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तूफानी हवा से सुपरदाम की छत का कुछ हिस्सा भी उड़ गया था। न्यू ओरलियंस की आबादी 5 लाख है और अब न जाने यह शहर कब इस विपदा से उबर पाएगा। शहर के कई हिस्सों में जीवन की मूलभूत जरूरतों से जूझती जनता द्वारा दुकानें लूटने और खाद्यान्न चुराने की वारदातें सुनाई दी हैं।

कैटरीना हरिकेन जैसी हानि पिछले कई दशकों में किसी भी हरिकेन से नहीं हुई है। हर साल छोटे-बड़े हरिकेन का नाम अंगरेजी अक्षरों ए, बी, सी से शुरू होता है

तूफान से तबाही का तांडव

केंद्र और राज्य सरकार के सारे अंग बचाव के प्रयासों में लगे हैं। हेलिकॉप्टर और नावों के माध्यम से सैकड़ों लोगों को मकानों की छत और अन्य स्थानों से बचाए जाने के प्रयास जारी हैं। रेडक्रॉस व अन्य समाजसेवी संस्थाएं भी बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। मिसिसीपी, अल्बामा, लूसियाना तीनों राज्यों में ऐसी विपदा से हुई जान-माल की हानि की तुलना सुनामी या हिरोशिमा के परमाणु विध्वंस से की जा रही है। भारत के लोग मुंबई में हुए जल-तांडव से गोया तुलना कर सकते हैं। फंसे हुए लोगों तक पीने के पानी, खाद्य सामग्री और दवाइयां पहुंचाने के प्रयास अनवरत जारी हैं। चारों तरफ सिर्फ विध्वंस और तबाही का ही तांडव है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और उनके पास लौटने को कोई घर है भी नहीं। अमेरिका के दक्षिणी भाग में इन महीनों में हरिकेन (समुद्री तूफान) काफी आते हैं और वहाँ की जनता और प्रशासन को हरिकेन का सामना करने की आदत-सी हो गई है, लेकिन कैटरीना हरिकेन जैसी हानि पिछले कई दशकों में किसी भी हरिकेन से नहीं हुई है। हर साल छोटे-बड़े हरिकेन का नाम अंगरेजी अक्षरों ए, बी, सी से शुरू होता है। आज से कई सालों पहले अगस्त के अंत में हरिकेन एंड्रयू (ए- यानी उस मौसम का पहला) का आगमन हुआ था और इसी साल कैटरीना (यानी के- 11वां अक्षर) तक गिनती पहुंच गई है।

तेल की कीमतों में एकदम तेजी

अमेरिका का कोई 25 प्र.श. तेल मैक्सिको की खाड़ी के पास तेल रिफाइनरी से आता है। कैटरीना तूफान से कई रिफाइनरी बंद हो गई हैं और विदेशों से आने वाले कच्चे तेल के जहाज भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके रहते तेल की कीमत एक ही दिन में 67 डॉलर बैरल से 71 डॉलर बैरल तक पहुंच गई है। कैटरीना तूफान से हुई संपत्ति और कारोबार की हानि का अभी तो आकलन भी मुश्किल है। बीमा कंपनियों को खरबों डॉलर के ‘क्लेम्स’ की आशंका है। वाल्मार्ट कंपनियों ने इन तीन राज्यों में अपने 130 स्टोर्स बंद कर दिए हैं। प्रभावित इलाकों से निकलना भी मुश्किल है। आवागमन के साधन पूरी तरह से कट चुके हैं और परिस्थिति कब तक सुधरेगी, किसी के लिए भी कुछ कहना मुश्किल है। स्थिति पर पूरी नजर रखने के लिए राष्ट्रपति श्री बुश अपनी छुट्टी को दो दिन कम करके कल वापस राजधानी वाशिंगटन डीसी लौट रहे हैं। वैसे तो कई इलाकों में अब बारिश थम गई है, लेकिन लोगों को अपने घरों तक लौटने में कई हफ्ते-महीने लगेंगे।

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