भारत में विदेशी निवेशकों के लिए सुनहरा मौका बुनियादी ढाँचे में निवेश की संभावनाएँ
भारत में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए अगले पाँच वर्षों में 15 खरब डॉलर निवेश की योजना है। इसमें से 500 अरब डॉलर का निवेश निजी क्षेत्र से संभावित है। भारत की प्रगति में शरीक होने का विदेशी निवेशकों के लिए यह सुनहरा अवसर है। हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित इंडिया इन्वेस्टमेंट फोरम में ये बातें भारत सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और शीर्षस्थ अधिकारियों ने कहीं।
परिवहन मंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगले पाँच सालों तक रोजाना 20 किमी सड़क बनाने की योजना है। अगर भारत में सड़क एक उत्पाद है, तो उसकी माँग के बारे में तो सोचना निरर्थक है। उनके साथ सड़क और परिवहन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने भी विदेशी निवेशकों को भारत में सड़क निर्माण के बारे में अवगत कराया।
विकास की ऊर्जा : ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे के अनुसार अगले 5 वर्षों में 80 हजार मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन की योजना है। यानी पिछले 22 वर्षों में ऊर्जा उत्पादन को सिर्फ अगले 5 वर्षों में दोहराना है। इसके लिए परंपरागत और नए संयंत्रों का भारत में भविष्य उज्ज्वल है।
विकास का मतलब : प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव टीकेए नायर के अनुसार भारत में प्रगति का सबसे बड़ा मापदंड है कि वहाँ सकल विकास हो, जिसका प्रभाव और परिणाम समाज के हर तबके को महसूस हो। सिर्फ कुछ तबकों तक सीमित प्रगति और उन्नति से पूरे भारत का विकास संभव नहीं है।
नहीं है साख की समस्या : सेबी के प्रमुख सीवी भावे ने बताया कि आर्थिक मंदी के बावजूद भारत के आर्थिक बाजार में साख की समस्या कभी नहीं आई।
निजी क्षेत्र में उत्साह : मुख्य आयोजक और कोटक महिंद्रा के प्रमुख उदय कोटक के अनुसार वर्ष 2005 से 2008 तक भारत में वार्षिक विकास दर 9 से 10 प्रतिशत रही। इस वर्ष यह 6 से 7 प्रतिशत रहेगी। विकास दर 9 से 10 प्रश पहुँचाने के लिए सरकार व निजी क्षेत्र को प्रयास करना होगा।