पार्क एवेन्यू बना नॉर्थ ब्लॉक
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह तो इस वक्त न्यूयॉर्क में हैं ही, लेकिन भारत सरकार के छह और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भी उन्हीं तारीखों में न्यूयॉर्क-वॉशिंगटन में विभिन्न बैठकों में शरीक थे।
प्रतिवर्ष सितंबर माह का दूसरा पखवाड़ा न्यूयॉर्क-वॉशिंगटन में विश्व के नेताओं का जमघट लग जाता है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की महासभा और वॉशिंगटन में आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक। इसी के साथ अब नया जुड़ गया है पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन द्वारा स्थापित ‘क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव’। मानो सारी दुनिया की सरकारें न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन में आ जाती हैं। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के दल में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा शरीक हैं, वहीं वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की बैठक में आए हैं। उनके साथ ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और गैर-परम्परागत ऊर्जा मंत्री फारूख अब्दुल्ला भी विभिन्न अमेरिकन कंपनियों और निवेशकों से बैठक और विचार-विमर्श के लिए आए हैं। इस समय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद चिकित्सा से संबंधित एक बैठक में भाग लेने यहां आए हैं। यह सभी वरिष्ठ मंत्री न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन में पूरी बैठकों और मुलाकातों में व्यस्त हैं और उसके साथ विकसित देशों की आर्थिक मंदी और भारत में गृह-वित्तमंत्री की ‘तकरार‘ ने घटनाक्रम को और भी सुर्ख बना दिया है।
इन मंत्रियों के साथ रतन टाटा, राजन मित्तल जैसे भारत के शीर्ष उद्योगपति और प्रशासक भी अमेरिकन निवेशकों और कंपनियों से चर्चा करने यहां आए हैं। तभी तो ‘प्रणब दा‘ साधारणत: मनमोहनजी से मिलने गाड़ी में साउथ ब्लॉक से सामने नॉर्थ ब्लॉक जाते होंगे, आज वही सिंह से मिलने वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क आ रहे हैं। यही नहीं, मंत्री कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुबोधकांत सहाय इन्हीं दिनों में दूसरे देशों के दौरों पर हैं।