बॉम्बे हाउस : टाटा सन्स की राजधानी
बॉम्बे हाउस’ के गलियारों में एक रोचक किस्सा बहुत प्रसिद्ध है। एक बार रूसी मोदी ने ‘बॉम्बे हाउस‘ के सामने निषिद्ध स्थान पर अपनी कार पार्क कर दी। वे गाड़ी से उतरे ही थे कि पुलिस वाले ने उन्हें आकर ललकारा, ‘ऐ भाई, गाड़ी कहीं भी खड़ी कर दी है। क्या यह तुम्हारे बाप की सड़क है?‘ हाजिर जवाब रूसी को और क्या चाहिए था, परंतु बोले, ‘हां, ये वाकई मेरे बाप की सड़क है।’ बॉम्बे हाउस सर होमी मोदी स्ट्रीट पर स्थित है, जिसका नामकरण रूसी मोदी के दिवंगत पिता सर होरमसजी मोदी के नाम पर ही रखा गया है।
वैसे फोर्ट इलाके में फ्लोरा फाउंटेन के निकट टाटा समूह की सभी महत्वपूर्ण कंपनी का यह मुख्यालय ‘बॉम्बे हाउस‘ 1924 में बना था। उससे पहले टाटा समूह की कंपनियों के दफ्तर ‘नावसारी बिल्डिंग‘ में थे। 1921 में ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ के अभिकल्पक जॉर्ज विरेट को यह काम सौंपा गया था जो कि 3 वर्षों बाद संपूर्ण हुआ।
यही वह कंपनी है जिसके चेयरमैन को टाटा समूह का प्रमुख माना जाता है। और जिसके निदेशक मंडल में टाटा समूह के सभी ‘दिग्गज‘ विराजते हैं। टाटा सन्स की अंशधारणी भी बहुत दिलचस्प है, लगभग 80 प्रतिशत अंश सार्वजनिक टाटा ट्रस्ट्स के पास हैं, लगभग 16 प्रतिशत अंश जे.आर.डी. के एक सहयोगी शापूरजी पालोनजी मिस्त्री के पास हैं और बाकी अंशधारणी टाटा घराने के पास है।
वर्तमान में टाटा सन्स में 21 निदेशक हैं, उनमें सबसे वयोवृद्ध 89 वर्षीय जे.आर.डी. हैं। मंडल की औसत आयु 65 वर्ष है और उसमें सबसे युवा निदेशक उसके चेयरमैन 54 वर्षीय रतन टाटा हैं।