जैफ बिजोस : ठहाकों के पीछे छिपा एक भविष्यदृष्टा
1999-2000 में डॉट कॉम संस्कृति अपने पूरे खुमार पर थी। इसी युग के प्रणेता के रूप में अमेजोन डॉट कॉम और उसके संस्थापक जैफ बिजोस डॉट.कॉम के परिचायक बन गए थे। उन्मुक्त हंसी और हंसमुख व्यक्तित्व वाले जैफ को अमेजोन डॉट कॉम की सफलता पर हमेशा विश्वास था, और रहेगा। आज 2005 में 5 साल बाद उनके विश्वास का दुनिया ने भी अनुमोदन कर दिया है।
हंसी ऐसी कि आदमी की परछाइयां ही बन जाएं! ‘मेरे ऑफिस में तो लोग मुझे मेरे ठहाकों की गूंज से ही ढूंढते हैं।’ एकदम मासूम, भोला-सा चेहरा, सिर्फ 35 वर्ष की उम्र और जीवनी… जैफ बिजोस, अमेजोन डॉट कॉम के संस्थापक जो इंटरनेट पर ई-कॉमर्स की सबसे पड़ी पहचान है… और वर्ष 1999 के लिए ‘टाइम‘ पत्रिका द्वारा मनोनीत ‘मैन ऑफ द ईयर‘!
सन् 1994 में न्यूयॉर्क में एक प्रमुख इनवेस्टमेंट फर्म डी.ई. शाव एंड कंपनी की बढ़िया नौकरी और जीवन-शैली को ठोकर मारकर जैफ ने कूच किया सुदूर पश्चिम में सिएटल की ओर। और शुरू हुआ अमेजोन डॉट कॉम का सफर, चार लोगों और जैफ के किराए के मकान के गैरेज से…!
‘वो भी क्या दिन थे… दिन में हम कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखते थे, रात में किताबों को डिब्बों में बंद करके डाकघर तक पहुंचाना, क्या मजा आता था…।’ और छः वर्ष के बाद जैफ की व्यक्तिगत संपति (जो कि अधिकांश अमेजोन के शेयर के रूप में है) लगभग 10 अरब डॉलर है, अमेजोन डॉट कॉम में मजा और मस्ती ही उनकी सबसे बड़ी खूबी है। ‘मैंने किताबों को इसलिए चुना, क्योंकि किसी भी वस्तु की श्रेणी में शायद किताबें ही ऐसी श्रेणी है जो सबसे बड़ी है। दुनिया की सबसे बड़ी किताबों की दुकान में भी 1,50,000 से ज्यादा किताबें नहीं मिल सकती जबकि अमेजोन डॉट कॉम पर हमने 10 लाख से ज्यादा किताबों का भंडार अपने ग्राहकों के लिए रखा है। यही तो है इंटरनेट की क्षमता का शाही उपभोक्ता उद्योग।’ अमेजोन डॉट कॉम ने कई ‘ट्रेंड्स‘ को जन्म दिया जैसे :-
- इंटरनेट पर ई-कॉमर्स को प्रचलित करने में अमेजोन डॉट कॉम का योगदान अग्रणी है।
- बर्नेस एंड नोबल जैसी सदियों से स्थापित और प्रतिष्ठित किताबों की श्रृंखला को अमेजोन डॉट कॉम ने सचमुच नाकों चने चबवा दिए सिर्फ दो-तीन साल में।
- इंटरनेट पर ग्राहकों की संतुष्टि (कस्टमर सेटिसफेक्शन) ही काफी नहीं है, ग्राहक को अपनी अति उत्तम सेवा से दीवाना बनाया जा सकता है (कस्टमर अमेजमेंट), इसकी शुरुआत अमेजोन डॉट कॉम ने ही की थी।
- और हां, बगैर किसी व्यावसायिक घराने या ‘बड़े’ परिवार के वंशज होने के, सिर्फ अपने दृढ़ विचार और जन उपयोगी व्यावसायिक आंदोलन से भी व्यक्ति चंद वर्षों में आसमान छू सकता है, यह कर दिखाया जैफ बिजोस ने!
- नाम कुछ अजीब सा लगता है न…. अमेजोन, जो अब न सिर्फ किताबी बल्कि खिलौनों, संगीत, ऑक्शन, सभी प्रकार के इंटरनेट और ई-कॉमर्स से आगे है।
‘मैंने पहले तो कंपनी का नाम सोचा था कैडबरा डॉट कॉम (जैसे जादूगर कहते हैं न आबरा का डाबरा) पर कुछ महीने बाद उसे हमने बदलकर रख दिया, अमेजोन, जो कि दुनिया की सबसे विशाल नदी है और हमारी दुकान, दुनिया की किताबों की सबसे विशाल दुकान।
अमेजोन डॉट कॉम ने अभी तक एक भी पैसे की कमाई नहीं की है, पर न तो जैफ, न ही उनके चहेते निवेशकों को उसकी चिंता है। अब तो जैसे-तैसे अमेजोन के भविष्य को और प्रखर बनाने के लिए जैफ ज्यादा इनवेस्टमेंट और ज्यादा घाटे की घोषणा करते हैं, अमेजोन के शेयर के भाव उतने ही बढ़ते जाते हैं। जैफ जीवन से भरपूर हैं, अपने परिवार और अमेजोन परिवार के साथ हंसते-खेलते काम करते हैं।
नववर्ष में उन्हें पहली संतान का इंतजार है। अपने ग्रांड फादर के साथ ‘रांच‘ पर बिताई बचपन की छुटि्टयां उनके बचपन की सबसे सुनहरी यादें और शिक्षा हैं। अपने सौतेले पिता को ही वे दुनिया का सबसे अच्छा पिता मानते हैं। प्रिंशेसन में भौतिकशास्त्र पढ़ने जाकर दो साल में उन्होंने अपनी लाइन बदली और कम्प्यूटर में स्नातक होकर फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
परिवार का साथ
1994 में जब मैंने अच्छी नौकरी छोड़कर एक वेबसाइट शुरू करने की बात की, तो एक बार मेरे माता-पिता चौंके, पर फिर उन्होंने न सिर्फ मुझे आशीर्वाद दिया, बल्कि अपनी जन्मभर की सारी जमा पूंजी 3 लाख डॉलर भी मुझे दे दिए। मेरी पत्नी भी पूरी तरह मेरे साथ थी। उनकी मां याद करती हैं, हम तो सिर्फ जैफ और उसके विश्वास को जानते थे, इंटरनेट और अमेजोन को नहीं।’ शायद सही भी है ‘टाइम‘ पत्रिका द्वारा बीती शताब्दी के अंतिम ‘मैन ऑफ द ईयर‘ का चुनाव। एक ‘ठहाका‘, जिसने दुनिया जीत ली… और मुस्कान अभी भी बाकी है।