वॉल स्ट्रीट पर लहराया तिरंगा
मंगलवार शाम को जब मैं आईसीआईसीआई बैंक के एनवायएसई (न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टिंग होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में जा रहा था, जो कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के एतिहासिक ट्रेडिंग फ्लोर पर ही ट्रेडिंग समाप्त होने के बाद सायं 6 बजे रखा गया था, तो एनवायएसई की इमारत के बाहर आईसीआईसीआई बैंक और भारत के तिरंगे को लहराते हुए देखकर मन में बहुत गौरव की अनुभूति हुई।
इंडिया इज दि फ्लेवर ऑफ दि मंथ एण्ड कुड वेल बिकम दि फ्लेवर ऑफ दि ईयर (भारत इस महीने जुबान पर छाया हुआ है और शायद यह साल भारतवर्षमय हो जाएगा)। ये उद्गार व्यक्त किए एनवायएसई के अध्यक्ष जॉस्टन ने। सिर्फ 68 दिनों की तैयारी में आईसीआईसीआई बैंक के एडीआर मंगलवार सुबह से न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हो गए हैं। 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इश्यू बुक हुआ पर बिल्डिंग के आधार पर लगभग 10 गुना ओवर-सब्स्क्राइब हुआ। हालांकि बैंक ने 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर ही अपने पास रखने का फैसला किया है।
आईसीआईसीआई की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान
न्यूयॉर्क के वित्तीय राजनयिक और भारतीय अतिथियों के बीच रात्रिभोज पर अपने उद्बोधन में अत्यंत प्रसन्न लग रहे बैंक के कर्णधार मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.वी. कामथ ने कहा कि आईसीआईसीआई दुनिया के बाजार में अपनी पहचान बना चुका है और हर भारतीय की जरूरत पूरी करना इसका लक्ष्य है। श्री कामथ के कथन को आगे बढ़ाते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक एच.एन. शिनोर ने कहा कि बैंक चार मुख्य कैपिटल (संपत्तियों) के दोहन से आगे बढ़ रही है- मस्तिष्क पूंजी, धन पूंजी, तकनीक पूंजी और द्रुत गति की पूंजी।
श्री कामथ से मैंने पूछा कि एनवायएसई में निवेशक आईसीआईसीआई और आईसीआईसीआई बैंक दोनों के शेयर्स में क्या मूलभूत फर्क करेगा? तो उन्होंने कहा ‘जहां आईसीआईसीआई पितृ संस्थान है और एक वित्तीय कंपनी है, वहीं आईसीआईसीआई बैंक एक बैंक के रूप में पहचाना जाएगा। आईसीआईसीआई बैंक इस पूंजी को अपने कारोबार को बढ़ाने और कुछ कंपनियों का अधिग्रहण करने के उपयोग में लेगा। आईबीएन के चिह्न के तहत कारोबार की शुरुआत में भाव 11 अमेरिकी डॉलर पर खुले। एडीआर का भाव दिन में 14.50 डॉलर तक पहुंच गया था। ट्रेडिंग समाप्ति पर यह भाव 14.25 पर था। एक एडीआर शेयर आईसीआईसीआई बैंक के भारत के दो शेयर्स के बराबर है। लिस्टिंग के पहले दिन ही 40 लाख शेयर्स का कारोबार हुआ। ज्ञातव्य है कि आईसीआईसीआई भी छह महीनों पहले ही न्यूयॉर्क में सूचीबद्ध हुआ था और इसके भाव नौ अमेरिकी डॉलर से 42 डॉलर तक जाकर अभी 28 अमेरिकी डॉलर के आसपास हैं। यह देखने लायक था कि 4.30 बजे तक जिस ट्रेडिंग फ्लोर पर गतिविधियों और कागज के कचरे का अम्बार लगा रहता है, वहीं 6.15 बजे एकदम सफाई और शांति थी। पीछे सीएनबीसी के सीधे प्रसारण की रिकॉर्डिंग भी चल रही थी।
एनवायएसई ट्रेडिंग फ्लोर पर पनीर टिक्का और वैजिटेबल सींक-कबाब का नाश्ता- काफी अजीबोगरीब, लेकिन अच्छा लग रहा था। एनवायएसई के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष भारत की कई कंपनियों के एनवायएसई में लिस्टिंग की संभावना है। एनवायएसई के अध्यक्ष रिचर्ड ग्रासो भी कुछ समय बाद भारत की यात्रा का कार्यक्रम बना रहे हैं। न्यूयॉर्क में भारत की उच्चायुक्त सुश्री शशि त्रिपाठी भी राष्ट्रपति श्री क्लिंटन की सफल भारत यात्रा से बहुत खुश थीं। उन्होंने मुझसे कहा कि अब तो हम इस यात्रा के बाद भारत की छवि को अमेरिका में बदलने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे।