भारतीय इंदिरा के हाथों में पेप्सी का भविष्य सुरक्षित
अमेरिका में सिलिकॉन वैली और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में तो भारतीय महिलाएं पहले ही सफलता के झंडे गाड़ चुकी हैं। पर परंपरागत कॉर्पोरेट सेक्टर में अभी भारतीय पुरुष ही उच्च पदों पर आसीन हैं। ऐसे में मिलिए अपने देश की महिलाओं का नाम रोशन करने वाली इंदिरा नूयी से। फॉर्च्यून पत्रिका के अनुसार विश्व की 5 सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्यमी महिलाओं की श्रेणी में पेप्सी की अध्यक्ष इंदिरा नूयी का नाम भी है।
इंदिरा इस समय अमेरिका में कॉर्पोरेट सेक्टर में कार्यरत भारतीय मूल की पहली सर्वोच्च अधिकारी हैं। इंदिरा इस समय विश्व की सबसे बढ़िया शीतल पेय कम्पनी पेप्सी की मुख्य वित्तीय अधिकारी यानी चीफ फाइनेन्शियल ऑफिसर (सी.एफ.ओ.) हैं। पेप्सी की भिड़ंत हमेशा अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी कोकाकोला से चलती रहती है। पेप्सी कम्पनी के सीईओ के अनुसार इंदिरा सबसे हटकर है, उसकी काम करने की क्षमता लाजवाब है।
इंदिरा ने अमेरिका में पहला कदम 1978 में रखा था। उस समय इंदिरा येल विश्वविधालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेण्ट में पढ़ाई करने के लिए आई थीं। उस समय उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वे अपने लिए एक बिजनेस सूट खरीद सकें। उन्होंने समर ट्रेनिंग के लिए अपने सारे इंटरव्यू साड़ी पहन कर ही दिए थे। हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े-लिखे को फारसी क्या। जल्द ही अपनी कड़ी मेहनत से उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, मोटोरोला, एबीबी और छह वर्षों पहले पेप्सी को कुशलता से संभाला। इसके बाद तो उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सफल उधमी होने के साथ-साथ 44 वर्षीय इंदिरा अपने घर पर एक संपूर्ण भारतीय गृहिणी हैं। वे अपने घर में अपनी पुत्रियों के साथ पूजाघर में रोज एक घण्टे पूजा करती हैं। ‘पेप्सी‘ इन दिनों काफी परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। ऐसे में कंपनी के सीईओ को बहुत सुकून मिलता है कि उनकी कंपनी का भविष्य इंदिरा नूयी के हाथों में पूरी तरह से सुरक्षित है।