न्यूयॉर्क में एक इन्दौरी शाम

20 नवम्बर 2000

न्यूयॉर्क में एक इन्दौरी शाम गांधी हॉल का पुनर्जीवन, गोमा की फेल, गुलमोहर कॉलोनी, गांधी मार्ग पर पार्किंग की परेशानी, यह सब विषय सुनकर आप साफ बता सकते हैं कि कुछ इन्दौर वाले अपने शहर के सुनहरे कल और दुःखद आज की चर्चा कर रहे हैं।

जी हां, चर्चा थी भी इन्दौर के ही संबंध में और कर भी रहे थे सब इन्दौर वाले ही, लेकिन सात समंदर पार। इन्दौर के महापौर कैलाश विजयवर्गीय इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं और यात्रा के अंतिम पड़ाव न्यूयॉर्क में आज की शाम उन्होंने गुजारी न्यूयॉर्क में बसे इन्दौर के चंद अनिवासियों के साथ। इन्दौर में चल रहे अपने कार्यकाल में सुधार के अपने सपनों के साथ और यहां रह रहे इन्दौरवासियों के सुझाव सुनने में।

इन्दौर के प्रति सभी के मन में पीड़ा थी और इसलिए शहर के सुधार में अपना योगदान देने का सभी ने विजयवर्गीय को आश्वासन दिया, लेकिन साथ में यह आग्रह भी किया कि अगर कोई भी योजना पूर्ण ध्येय और लगन के साथ की जाए तो निश्चित ही इन्दौर के सभी अनिवासी उसमें अपने सामर्थ्य अनुसार भाग लेंगे, क्योंकि सभी के मन में इन्दौर के लिए बहुत प्रेम है।

विजयवर्गीय ने सभी को आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही कोई योजना का पूरा प्रारूप इन्दौर के अनिवासियों के सामने पेश करेंगे और उसे पूर्ण निष्ठा से कार्यान्वित भी करेंगे। उन्होंने अमेरिका में रह रहे इन्दौरवासियों की एक डायरेक्टरी बनाने और कुछ समय बाद अमेरिका में रहने वाले सारे इन्दौरवासियों के एक सम्मेलन को आयोजित करने का भी प्रस्ताव दिया।

आपके खून में कुछ कर गुजरने की गर्मी है, इसलिए शायद आपको सर्दी नहीं लगती

विजयवर्गीय ने सभी इन्दौर वालों की न्यूयॉर्क में प्रगति पर बहुत प्रसन्नता व्यक्त की, अपनी शुभकामना दी और यह भी कहा कि महापौर के रूप में वे इन्दौर के लिए कुछ करने का प्रयास जरूर करेंगे, जिसमें यातायात समस्या, सड़कों की हालत, इन्दौर के बाग-बगीचों का उत्थान आदि भी शामिल हैं।

सभी से मिलने के बाद विजयवर्गीय इन्दौर के सुवि इन्फर्मेशन्स की न्यूयॉर्क इकाई डायस्पार्क के मेनहट्टन कार्यालय भी गए और इन्दौर से जन्मी कंपनी की प्रगति पर अपनी बधाई दी। न्यूयॉर्क में आज काफी सर्दी थी और सभी लोग अपने कोट-जैकेट में थे, लेकिन विजयवर्गीय तो अपनी चिर-परिचित पोशाक कुर्ता-पायजामा और केसरिया दुपट्‌टे में ही थे। किसी ने उनसे पूछ लिया कि क्या आपको सर्दी नहीं लगती? विजयवर्गीय ने कहा नहीं तो, मुझे तो महसूस नहीं हो रही। तभी एक दूसरे इन्दौर वासी ने कहा ‘आपके खून में कुछ कर गुजरने की गर्मी है, इसलिए शायद आपको सर्दी नहीं लगती।’

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